Feb 8, 2024
70000 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी के वायुमंडल में एक उल्का पिंड आया।
Credit: canva
घर्षण की वजह से वो उल्का पिंड आग के गोले में बदल गया।
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उस उल्का पिंड की चमक इतनी तेज थी, कि टकराने की जगह से सैकड़ों किमी दूर के डायनासोर भी अंधे हो गए।
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वह बिस्फोट इतना भयानक था कि आज के 10000 परणामु बम के बराबर माना जाता है।
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जहां उल्का पिंड पृथ्वी से टकराया था, वहां 180 किमी चौड़ा व 22 किमी गहरा तक का विशाल गड्ढा बन गया।
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इस गड्ढे की करोड़ो टन धूल व मिट्टी अंतरिक्ष तक फैल गई, सूर्य की रोशनी छिप गई, हर तरफ अंधेरा हो गया।
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इस भयानक हादसे के बाद धरती पर एक के बाद एक कई भूकंप आए, जिसमें डायनासोर व दूसरे जानकर पूरे प्रजाति के साथ खत्म हो गए।
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अगर कुछ डायनासोर बच भी गए, तो उल्का पिंड टकराने के बाद पौधों का विकास असंभव हो गया। जिसके बाद डायनासोर का भोजन खत्म हो गया, और भुखमरी से वे मर गए।
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