Feb 5, 2024
ज्वालामुखी एक ऐसा पहाड़ है, जिसके अंदर पिघला लावा भरा होता है।
Credit: canva
जब जमीन के नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है तो पहाड़ का मुख खुल जाता है, जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, भस्म आदि बाहर आते हैं।
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पृथ्वी के अंदर की गर्मी यानी लावा जब बाहर आते हैं तो फोर्स इतना ज्यादा होता है कि वो कई किमी तक के एरिया में फैल जाता है।
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सबसे ज्यादा ज्वालामुखी प्रशांत महासागर में फटता है।
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दरअसल पृथ्वी के अंदर कुछ स्थानों पर थर्मल एनर्जी होती है, यह इतनी गर्म होती है कि पत्थर सहित कुछ भी पिघला सकती है।
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ज्वालामुखी के अंदर मौजूद लावा गर्म के साथ बेहद हल्का भी होता है, यही कारण है कि कई किमी दूर तक बह जाता है।
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gs.ac.uk के अनुसार, दुनिया में 1500 के आसपास एक्टिव ज्वालामुखी है।
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इन 1500 में से 50 से 70 ज्वालामुखी हर साल फटते हैं। यह भी जान लें कि पृथ्वी पर अधिकांश ज्वालामुखियों को अच्छे से मॉनिटर नहीं किया जाता।
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कम ही लोग जानते हैं कि ज्वालामुखी विस्फोट कई दिनों, महीनों या वर्षों तक भी चल सकता है।
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