Sep 14, 2023
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि मातृभाषा है, यह देश के धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति की विविधताओं के फासलों को खत्म करती है।
Credit: canva
वर्ष 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने के दिन को चिह्नित करने के लिए देश में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
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भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। उन्होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था।
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आजादी मिलने के बाद लंबे विचार-विमर्श के बाद आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया।
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हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के विचार से बहुत से लोग खुश नहीं थे खासतौर जो उत्तर भारतीय नहीं थे। उनका मानना था सबको हिंदी ही बोलनी है तो आजादी के क्या मायने। यही वजह है हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी।
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14 सितंबर को होता है राष्ट्रीय हिंदी दिवस और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, जिसे पहली बार यह वर्ष 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा मनाया गया था।
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हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 1975 में 'विश्र्व हिंदी सम्मेलन' का आयोजन शुरू किया गया था।
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आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया।
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