May 31, 2024
हाथीगुम्फा शिलालेख एक गुफा है, जो ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से करीब तीन मील दूर स्थित है।
Credit: canva
यह गुफा इतिहास की नजर से बहुत जरूरी है, यह भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में उदयगिरी गुफाओं के समूह का एक हिस्सा है।
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उदयगिरी व इसकी आसपास की गुफाएं जैन गुफाओं का एक समूह है, जिन्हें संभवत: खारवेल ने संरक्षण दिया था।
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खारवेल कलिंग का शासक था, जिसने कलिंग से बाहर तक अपने राज्य का विस्तार किया। यह गंधर्वो के विद्वान यानी संगीत में निपुण थे।
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खारवेल ही वे शासक थे, जिन्होंने हाथीगुम्फा शिलालेख उत्कीर्ण कराया था, उत्कीर्ण का मलतब पत्थरों पर गढ़ा हुआ, अंकित, खुदा या उकेरा हुआ।
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यहां शिलालेख की लिपि ब्राह्री है। बताया जाता है कि पहली शताब्दी ईसा पूर्व में यह शिलालेख बनाई गई थी।
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शिलालेख में दिए जानकारी से पता चलता है कि खारवेल एक बड़े व बहादुर राजा थे तभी तो उनका विजय अभियान की जानकारी शिलालेख के जरिये दी गई है।
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इस शिलालेख के अनुसार, खारवेल के पास नौसैनिक शक्ति थी। इस शिलालेख में खारवेल की उपलब्धियों का जिक्र है।
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शिलालेख के अनुसार, खारवेल द्वारा परास्त किए गए तमिल देश संघात (राज्य संघ) का उल्लेख है।
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