कुलदीप राघव
Apr 28, 2023
नायकी देवी चालुक्य वंश की महारानी थी, जिसने ११७८ ई. में कायन्द्रा के युद्ध में मोहम्मद ग़ोरी को परास्त किया था।
Credit: Social-Media/India-Times
वीरांगना नायकी देवी पर्मांडी की पुत्री थी। इनका विवाह गुजरात के महाराजा अजयपाल से हुआ था।
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अजयपाल सिद्धराज जयसिंह के पौत्र तथा कुमारपाल के पुत्र थे। अंगरक्षक द्वारा वर्ष ११७६ में अजयपाल की हत्या के बाद राज्य की बागडोर महारानी नायकी देवी के हाथ में आ गई थी।
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नायकी देवी का बेटा मूलराज बाल्य अवस्था में था, इसलिए राज्य की सत्ता उन्हें मिली।
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मोहम्मद ग़ोरी को जब पता चला कि गुजरात पर एक विधवा रानी का शासन है तो उसने गुजरात पर आक्रमण कर दिया।
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पूर्व सूचना के आधार पर नायकी देवी की सेना ने गुजरात की राजधानी पाटण से दूर आबू पर्वत की तलहटी में कासिन्द्रा के निकट पहुंच कर गौरी से युद्ध किया।
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इस युद्ध में गौरी बुरी तरह से घायल हुआ और उसे प्राण बचा कर भागना पड़ा। इसके बाद गौरी ने कभी गुजरात की ओर मुड़ कर नहीं देखा।
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नायकी देवी जानती थीं कि उनकी सेना जंग के लिए तैयार नहीं है। इसलिए उन्होंने गदरघट्टा को जंग का मैदान चुना। ये माउंट आबू की तलहटी पर स्थित एक उबड़-खाबड़ इलाका था।
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खास बात ये थी की रानी नायकी अपने बेटे मूलराज द्वितीय को भी साथ लेकर आईं थी।
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