10वीं भी नहीं की थी पास, कैसे भारतीय सर्कस के पितामह बने जेमिनी शंकरन
कुलदीप राघव
भारतीय सर्कस के पितामह
भारतीय सर्कस के पितामह कहे जाने वाले जेमिनी शंकरन का 99 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कन्नूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे जहां रविवार रात उनका निधन हो गया।
Credit: BCCL/Twitter
जेमिनी एंड जंबो के संस्थापक
जेमिनी शंकरन जेमिनी और जंबो सर्कस कंपनियों के संस्थापक भी थे। वह भारत के सबसे पुराने सर्कस कलाकार माने जाते हैं।
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केरल में हुआ था जन्म
शंकरन का जन्म 13 जून साल 1924 को केरल के कोलास्सेरी, थालास्सेरी में हुआ था। उन्होंने इंडियन सर्कस फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
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सेना में भी रहे शामिल
साल 1938 में सर्कस के प्रति अपने लगाव के कारण वह इस क्षेत्र में आ गए। इसी दौराल उन्होंने सेना में भी अपनी सेवाएं दीं और और दूसरे विश्व युद्ध के बाद रिटायर हो गए थे
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मिला सम्मान
केंद्र सरकार ने देश में सर्कस के क्षेत्र में शंकरन के समग्र योगदान को देखते हुए उन्हें 'लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया था।
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7वीं तक गए स्कूल
जेमिनी शंकरन ने केवल सातवीं कक्षा तक शिक्षा ली थी। उन्होंने एक छोटा सा ग्रोसरी स्टोर भी खोला था।
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ऐसा है परिवार
सर्कस के पितामह जेमिनी शंकरन के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है!
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केरल के सीएम ने जताया दुख
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भारतीय सर्कस को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए शंकरन की सराहना की।
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CM ने कही ये बात
केरल के सीएम विजयन ने कहा, ''उन्होंने भारतीय सर्कस के आधुनिकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाई।
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