ISRO में कैसे बनते हैं एस्ट्रोनॉट, जानें कितनी मिलती है सैलरी

कुलदीप राघव

Oct 21, 2023

गगनयान की लॉन्चिंग

इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने सफलता पूर्वक गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल की लॉन्चिंग कर इतिहास रच दिया है।

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क्या है ये मिशन

गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्‍पेस मिशन है जो तीन दिन का होगा।

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कैसे बनते हैं एस्ट्रोनॉट

गगनयान मिशन की सफल लॉन्चिंग के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि इसरो में एस्ट्रोनॉट की नौकरी कैसे मिलती है और उनका कितनी सैलरी मिलती है।

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जरूरी है ये चीज

भारत की स्पेस एजेंसी इसरो का अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है।

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जरूरी है ये डिग्री

एस्ट्रोनॉट बनने के लिए इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या मैथमेटिक्स में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।

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एयरोस्पेस में मास्टर्स

इसके अलावा डॉक्टरेट या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री होनी चाहिए।

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गगनयान में वायुसेना के पायलट

अभी गगनयान अभियान के लिए जिन एस्ट्रोनॉट को ट्रेनिंग दी जा रही है वे भारतीय वायुसेना के पायलट हैं।

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इसरो वैज्ञानिकों की सैलरी

वहीं, इसरो के वैज्ञानिकों को सभी भत्ते लाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रुपये सैलरी मिलती है।

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कहां है मुख्यालय

इसरो आमतौर पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी के साथ पेशेवरों की भर्ती करता है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।

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