Jun 28, 2024
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पूर्व सिविल सेवक रह चुके हैं, वे आज शिक्षक, लेखक, लेक्चरर, यूट्यूबर और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी जाने जाते हैं।
Credit: twitter-others-social-media
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर समझाते हैं कि छात्रों को लक्ष्य जरूर बनाना चाहिए, और उसे पूरा करने की कोशिश में खूब मेहनत करनी चाहिए, इस दौरान असफलता से डरने की जरूरत नहीं है।
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फोकस के अभाव में दूसरे लोग आपको आसानी से भड़का सकते हैं, या आपका ध्यान भटका सकते हैं।
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उन्होंने एक आसान से उदाहरण से बड़ी बात सिखाई कि छात्रों की उम्र ऐसी होती है, कि अगर उन्हें कोई अपशब्द बोलकर भाग जाए तो उन्हें रिएक्शन देने में समय नहीं लगता।
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छात्र यह सोच कर उस इंसान के पीछे पीछे भागेंगे कि इसने मुझे अपशब्द कैसे बोला।
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असल में आप भूल जाते हैं कि अपशब्द कहने वाला व्यक्ति यही चाह रहा था कि आपका ध्यान उसकी ओर जाए, आप भड़क जाएं या उसके पीछे पीछे भागे।
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डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर ने इस उदाहरण से समझाया कि अगर ऐसी स्थिति में कोई फोकस्ड आदमी या स्टूडेंट होगा तो वो नहीं भड़केगा।
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एक समझदार स्टूडेंट इस बात को पहचानेगा कि उसके लिए उस स्थिति में जरूरी क्या है। वो अपनी तैयारी पर ध्यान देगा और तैयारी के जरिये ही जवाब देगा।
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कुल मिलाकर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर ने छात्रों को बेकार की चीजों में उलझने से बचने का मंत्र दिया है। कहां फोकस करना है, के साथ यह भी पता होना चाहिए कि क्या नजरअंदाज करना है।
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