डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि जहां तक नीतियों की बात है, मैं आरक्षण के पक्ष में रहता हूं। हालांकि, रिजर्वेशन सिस्टम में बहुत ज्यादा लूप होल्स हैं।
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आरक्षण का गलत फायदा
विकास दिव्यकीर्ति का मानना है कि जितने लोग यूपीएससी में आरक्षण का फायदा लेते हैं, उनसे से 10 से 20% से ज्यादा लोग उसके लिए योग्य नहीं होते हैं।
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IAS पूजा खेडकर का मामला
उन्होंने IAS पूजा खेडकर मामले पर उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे लोग आरक्षण नीतियों की खामियों का गलत फायदा उठाकर यूपीएससी क्रैक कर रहे हैं।
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क्रीमी लेयर को माना जाएगा जनरल
विकास सर ने बताया कि अगर आप ओबीसी से हैं लेकिन क्रीमी लेयर में आते हैं तो आपको जनरल माना जाएगा और लोगों को इसी से बचना होता है।
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किसके लिए कौन सा नियम
अगर आपके माता-पिता क्लास 1 या ग्रुप बी जॉब में हैं तो आप ओबीसी की जगह क्रीमी लेयर में चले जाते हैं। वहीं, ग्रुप सी और ग्रुप डी जॉब के लिए ये नियम नहीं है, चाहे आय 8 लाख से ज्यादा ही क्यों न हो।
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कृषि से होने वाली आय
इसी तरह कृषि से होने वाली आय की गिनती भी नहीं होती है। ऐसे में कई सिविल सर्वेंट एग्रीकल्चर इनकम दिखाते हैं।
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ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के नियम
एक पेंच ये भी है कि ओबीसी आरक्षण में कैंडिडेट की जगह केवल पैरेंट्स की आय गिनी जाती है। जबकि ईडब्ल्यूएस में पूरे परिवार की आय गिनी जाती है, लेकिन सिर्फ पिछले एक साल की।
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ईडब्ल्यूएस आरक्षण के योग्य
ऐसे में जिस साल आपने अपनी आय 8 लाख से कम दिखा दी, आपके बच्चे अगले साल ईडब्ल्यूएस आरक्षण के योग्य हो जाते हैं।
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