डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का कहना है जो देश 97 करोड़ वोटर्स का शांति से इलेक्शन करवा सकता है, वह 23 लाख लोगों का एग्जाम न करवा पाए, ये मानने वाली बात नहीं है।
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सरकार और NTA की लापरवाही
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि ये पेपर लीक सुविधाओं की कमी नहीं बल्कि सरकार और NTA की लापरवाही की वजह से हुआ है।
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विकास सर ने दिए सुझाव
इंटरव्यू के दौरान जब डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से पूछा गया कि अगर वह NTA के प्रमुख होते तो क्या सुधार करते तो उन्होंने पांच जरूरी सुझाव दिए।
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3 से 4 पेपर सेट
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि किसी भी परीक्षा का एक अतिरिक्त पेपर सेट रखने की जगह कम से कम 3 से चार पेपर सेट रखना चाहिए।
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DM और SDM की जिम्मेदारी
हर जिले में किसी भी परीक्षा के व्यवस्थित आयोजन की जिम्मेदारी डीएम और एसडीएम को भी दी जानी चाहिए ताकि पेपर लीक से बचा जा सके।
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प्राइवेट स्कूल-कॉलेज को न बनाएं सेंटर
प्राइवेट स्कूल और कॉलेज को एग्जाम सेंटर कभी नहीं बनने देना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा पेपर लीक की खबरे वहीं से आती है।
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पेन पेपर मोड में परीक्षा
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि जब तक इंटरनेट को मैनेज न कर लिया जाए तब तक वह पेन पेपर मोड में एग्जाम कराए जाने के पक्ष में है।
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केंद्रीय एजेंसी को जिम्मेदारी
किसी भी पेपर को निर्धारित जगह तक पहुंचाने की जिम्मेदारी CISF जैसी केंद्रीय एजेंसियों को दी जानी चाहिए ताकि पेपर लीक से बचा जा सके।
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