Sep 2, 2024
Dr. Sarvepalli Radhakrishnan देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। वे 10 सालों तक उपराष्ट्रपति रहे, फिर उन्हें राष्ट्रपति बनने का गौरव मिला, और वे देश के दूसरे राष्ट्रपति कहलाए।
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Dr. Sarvepalli Radhakrishnan का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था? यही कारण है कि हर साल 5 सितंबर को Teachers Day मनाया जाता है। यूनेस्को ने भी 1994 में 'शिक्षक दिवस' मनाने के लिए 5 सितंबर का दिन चुना था।
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Dr. Sarvepalli Radhakrishnan का जन्म मद्रास के चित्तूर जिले के तिरुत्तनी गांव के एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उस समय यह गांव आंध्र प्रदेश में आता था लेकिन अभी यह जगह तमिलनाडु में आती है।
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Dr. Sarvepalli Radhakrishnan की माता का नाम सीताम्मा और पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी था, जिनसे पांच बेटे और एक बेटी हुई, राधाकृष्णन दूसरे नंबर की संतान थे।
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डॉ. राधाकृष्णन की शुरुआती शिक्षा लुथर्न मिशन स्कूल, तिरुपति से हुई, इसके बाद की पढ़ाई वेल्लूर और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से की।
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डॉ. राधाकृष्णन ने दर्शन शास्त्र में एम.ए किया, फिर उन्हें 1918 में मैसूर महाविद्यालय में दर्शन शास्त्र का सहायक प्रध्यापक नियुक्त किया गया, जहां उन्हें बाद में प्राध्यापक भी बनाया गया।
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भारत की आजादी के बाद देश के पहले पीएम बने जवाहर लाल नेहरू ने डॉ. राधाकृष्णन से सोवियत संघ में राजदूत के तौर पर काम करने के लिए कह, इसके बाद 1947 से 1949 तक संविधान सभा के सदस्य के तौर पर काम किया।
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फिर 1952 को डॉ. राधाकृष्णन को देश का पहला उपराष्ट्रपति बनाया गया। 10 वर्षों तक सेवा देने के बाद उन्हें देश का दूसरा राष्ट्रपति बनाया गया।
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डॉ. राधाकृष्णन को 1954 में 'भारत रत्न', 'पीस प्राइज आफ द जर्मन बुक ट्रेड' और 'विश्व शांति पुरस्कार' से नवाजा जा चुका है, इसके अलावा उन्हें 'सर की उपाधि' और 'ऑर्डर ऑफ मेरिट' से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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