Jun 11, 2024
Credit: Canva
उनका कहना है कि शिक्षा का अधिकार जितना पुरुषों का है, उतना ही अधिकार महिलाओं का भी है।
शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। समय आने पर भूखे रहों लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाओ।
प्रत्येक छात्र को अपने चरित्र का निर्माण प्रज्ञा, शील, करुणा, विद्या और मैत्री इन पंचतत्वों के आधार पर करना चाहिए।
मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है।
शिक्षा बाघिन का दूध है और जो उसे पीएगा, वह बाघ की तरह जरूर गुर्राएगा।
हमें शिक्षा के प्रसार को उतना ही महत्व देना चाहिए, जितना कि हम राजनीतिक आंदोलन को महत्व देते हैं।
हमें भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
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