Dec 22, 2023
यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा है।
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सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद आईएएस, आईपीएस जैसे पदों पर चयन होता है।
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लोग लाखों की नौकरी इसलिए त्याग देते हैं क्योंकि उन्हें आईएएस बनने का जुनून सवार होता है।
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आज हम आपको ऐसे पांच आईएएस अधिकारियों से मिलवाएंगे जिन्होंने यूपीएससी के जुनून के कारण डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी और आईएएस बन गए।
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आईएएस प्रियंका शुक्ला ने लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की। प्रियंका ने डॉक्टरी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2009 में दूसरे प्रयास में आईएएस बन गईं।
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केरल के अलाप्पुझा की जिला कलेक्टर डॉ. रेनू राज ने मेडिकल की पढ़ाई करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और सेकंड रैंक हासिल की।
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रोमन सैनी ने सिर्फ 16 साल की उम्र में एम्स मेडिकल परीक्षा पास कर ली और 21 साल की उम्र में डॉक्टर बनकर AIIMS के NDDTC विभाग में काम करने लगे थे। फिर वह 22 साल की उम्र में UPSC परीक्षा पास कर आईएएस बन गए।
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आईएएस डॉ. स्नेहा अग्रवाल ने एम्स, दिल्ली से मेडिकल की पढ़ाई की है। 2009 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 305वीं रैंक हासिल की थी। वह 2011 में फिर परीक्षा में बैठीं और यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया।
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कर्नाटक के एक छोटे से गांव में जन्मे नागार्जुन बी गौड़ा नीट परीक्षा पास कर वह डॉक्टर बन गए! उसके बाद वह एक हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम करने लगे। यूपीएससी सीएसई 2018 परीक्षा में 418वीं रैंक के साथ वह आईएएस अफसर बन गए।
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