Nov 29, 2023
क्रिकेटर रिंकू सिंह की कहानी संघर्षों से भरी है। उन्होंने बहुत ही कठिन परिस्थितियों से पार पाकर आज ये मुकाम हासिल किया है।
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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में LPG सिलेंडर डिलीवर करने वाले खनचंद्र सिंह की पत्नी वीना देवी ने 12 अक्टूबर 1997 को अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया। उसी बच्चे का नाम है रिंकू।
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उनका परिवार बेहद गरीब था। वे सिलेंडरों के गोदाम के परिसर में बनें कमरों में रहते थे।
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रिंकू पढ़ाई में बहुत स्लो थे लेकिन माता पिता ने उन्हें स्कूल भेजना बंद नहीं किया। वह पढ़ाई में कमजोर थे लेकिन खेल में तेज।
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उनके एक बड़े भाई मुकुल, एक स्थानीय कोचिंग सेंटर में काम करते थे और सबसे बड़ा भाई सोनू ऑटोरिक्शा चलाता था।
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रिंकू अपने भाइयों के साथ खूब क्रिकेट खेलता। पिता उनसे नाराज रहते। रिंकू के क्रिकेटर बनने की बात पर कई बार पिता ने उनकी पिटाई भी की।
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रिंकू ने 2009 में क्रिकेट खेलने का फैसला किया और 2012 में पहली बार यूपी की टीम में चुने गए। तब पिता को लगा कि वह सपने के लिए जीते हैं।
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इसके बाद भी आर्थिक तंगी हो गई तो रिंकू का भाई उन्हें लेकर नौकरी की तलाश में निकल गया।
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भाई के प्रयास से उन्हें झाड़ू-पोछा लगाने का काम मिला। उन्हें नौकरी तो चाहिए थी लेकिन वह सफाईकर्मी बनने को तैयार नहीं हुए, इसलिए वापस आकर क्रिकेट पर फोकस करने लगे।
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