Aug 22, 2023
इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा भेजा गया चंद्रयान 3 चंद्रमा पर लैंड करने वाला है।
Credit: BCCL/Pixabay
इसरो और चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग की चर्चा के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि इसरो में नौकरी कैसे मिलती है और स्पेस वैज्ञानिक कैसे बना जाता है।
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इसरो में स्पेस साइंटिस्ट की नौकरी मिलती है। इस पद के लिए आपको इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होगा।
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स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए तीन साल का बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स होते हैं। इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में ये कोर्स कराए जाते हैं।
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संबंधित डिग्री लेने के बाद इसरो द्वारा समय समय पर भर्ती निकाली जाती है। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।
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इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
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इसरो के वैज्ञानिक को सभी भत्ते लाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रुपये सैलरी मिलती है।
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इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 में मशहूर वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई के प्रयासों के द्वारा हुई थी।
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इसरो आमतौर पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी के साथ पेशेवरों की भर्ती करता है।
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