Sep 2, 2024
आज हम ऐसे लड़के के बारे में जानेंगे, जो अपनी कम्युनिटी का पहला डॉक्टर बनने जा रहा है। देश की आजादी के 76 साल बाद यह खुशखबरी आई है।
Credit: canva-and-TNN
इस लड़के का नाम है मंगला मुदुली, जो कि बोंडा आदिवासी है। इस कम्युनिटी से आज तक कोई डॉक्टर नहीं बना है।
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Mangala Muduli एक ऐसी जनजाति से आते हैं, जिसकी साक्षरता दर ओडिशा की सभी 62 जनजातियों में सबसे कम है।
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2011 की जनगणना के अनुसार, ओडिशा में बोंडा जनजाति की साक्षरता दर मात्र 36.61% थी, जो राज्य के अन्य प्रमुख विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की तुलना में कम है।
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लेकिन मलकानगिरी जिले के गोविंदपल्ली ब्लॉक के मुदुलीपाड़ा पंचायत के अंतर्गत आने वाले बडबेल गांव के बोंडा आदिवासी लड़के Mangala Muduli ने वह हासिल कर लिया है।
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महज 19 वर्षीय Mangala Muduli अब अपने घर से 400 किलोमीटर से अधिक दूर गंजम जिले के बरहामपुर शहर में MKCG मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में MBBS कोर्स करेगा।
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परीक्षा में अपने पहले प्रयास में, Mangala Muduli ने NEET यूजी परीक्षा में 261वीं रैंक हासिल की।
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Mangala Muduli ने मुदुलीपाड़ा एसएसडी हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और एससी और एसटी विकास विभाग द्वारा संचालित गोविंदपल्ली में एसएसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
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Mangala Muduli का बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था, क्योंकि उसके गांव के आस-पास कोई स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं थी।
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