ऐसे ही एक कहानी है बछिंद्रा पाल की, जो कि माउंट ऐवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इन्होंने 22 मई 1984 को यह उपलब्धि हासिल की थी।
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दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत
माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8848 मीटर है, यही कारण है कि इसे चढ़ाई के लिए सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है।
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सबसे बड़ी उपलब्धि
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला का गौरव मिलना उतनी ही बड़ी उपलब्धि है, जितनी ऊंची माउंट एवरेस्ट पर्वत की चोटी।
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बछिंद्रा पाल का जन्म
बछिंद्रा पाल का जन्म सन 1954 में नकुरी उत्तरकाशी में हुआ था। मीडिया में मौजूद जानकारी के अनुसार, बछेंद्री पाल का जन्म खेतिहर परिवार में हुआ।
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बछिंद्रा पाल की पढ़ाई लिखाई
ऐसा नहीं था बछिंद्रा पाल को पढ़ाई लिखाई में मन कम लगता था, इन्होंने पढ़ाई में बी.एड पूरा किया है। फिर इन्होंने 'नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग' कोर्स के लिए अप्लाई कर दिया।
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बछिंद्रा पाल की उपलब्धियां
बछिंद्रा पाल के नाम कुछ अन्य उपलब्धियां भी शामिल हैं, इन्होंने 1982 में एडवांस कैंप के दौरान गंगोत्री और रूदुगैरा पर चढ़ाई करके इतिहास रच दिया था।
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गोल्ड मेडल
यही नहीं, बछिंद्रा पाल को सन 1984 में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। इन्हें देश के प्रतिष्ठित नागरिक अवार्ड ‘पद्मश्री’ से भी नवाजा जा चुका है।
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अर्जुन अवार्ड
बछेंद्री पाल को 1986 में अर्जुन अवार्ड मिल चुका है, इसके अलावा उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने बछेंद्री पाल को गोल्ड पदक से सम्मानित किया था।
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