Aug 23, 2024
अलाउद्दीन खिलजी उन लोगों में से एक था जो सत्ता की लालच में किसी को भी नहीं बख्श्ता था। जलालुद्दीन के इतिहास से पहले जलालुद्दीन के बारे में जानना जरूरी है।
Credit: TNN-and-canva
दिल्ली सल्तनत में 1290-1320 तक खिलजी राजवंश रहा। जलालुद्दीन खिलजी ने खिलजी वंश की नींव रखी।
Credit: TNN-and-canva
वह सल्तनत का पहला ऐसा सुल्तान था, जिसका मानना था कि शासन जनता के समर्थन से चलना चाहिये।
Credit: TNN-and-canva
जलालुद्दीन खिलजी ने उदारता की नीति अपनाई थी। उसने कड़े दंड वाली नीति का त्याग किया। यहां तक कि उन्हें भी कड़ा दंड नहीं दिया, जिन्होंने उसके खिलाफ विद्रोह किया
Credit: TNN-and-canva
बहुत कम लोग जानते हैं कि 70 वर्ष की आयु में सन 1290 में जलालुद्दीन गद्दी पर बैठा और मात्र 6 साल ही कुर्सी पर बैठ सका।
Credit: TNN-and-canva
इसके बाद यानी 1296 में उसके सगे भतीजे यानी अलाउद्दीन खिलजी ने उसे सबके सामने गले लगाकर धोखे से मरवा दिया।
Credit: TNN-and-canva
दरअसल अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा को जब गले लगाया तो कसकर पकड़ लिया, इतनी देर में अलाउद्दीन खिलजी के दो सिपाहियों ने जलालुद्दीन को चाकू भोककर हत्या कर दी।
Credit: TNN-and-canva
जिस समय अलाउद्दीन ने अपने चाचा जलालुद्दीन का कत्ल करवाया उस समय वे दोनों चाचा भतीजे के साथ ससुर और दामाद भी थे।
Credit: TNN-and-canva
अलाउद्दीन खिलजी ने 1296-1316 तक शासन किया। उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक फैला था।
Credit: TNN-and-canva
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स