Sep 18, 2023
Credit: iStock
ऐसे में असम का एक अनोखा स्कूल इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है।
दरअसल, इस स्कूल में फीस के तौर पर प्लास्टिक कचरा जमा करवाया जाता है।
बच्चों को हर हफ्ते 25 प्लास्टिक की बोतलें स्कूल में जमा करनी होती है।
बच्चे अपने घर या आसपास के इलाके से प्लास्टिक का कचरा लाकर स्कूल में जमा करते हैं।
स्कूल में इन कचरों को रीसायकल करके इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाता है।
इस स्कूल का नाम अक्षर स्कूल है। इसकी शुरूआत इलाके में गंदगी और पढ़ाई की कमी देखते हुए की गई थी।
परमिता और मजीन ने 2016 में इन समस्याओं के समाधान के रूप में इस अनोखे स्कूल की शुरुआत की थी।
यह स्कूल बेहतर शिक्षा के साथ ही बच्चों को स्वरोजगार सिखाता है। यहां पढ़ाई के अलावा कारपेन्ट्री, गार्डनिंग और अन्य कई कलाएं सिखाई जाती है।
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स