Jan 4, 2024
आदित्य एल 1 को पिछले साल 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।
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125 दिन लंबे सफर को पूरा करने के बाद यह 6 जनवरी 2024 को शाम 4 बजे L1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा।
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इसरो के सूर्य अभियान यानी आदित्य एल 1 की लैंडिंग की चर्चा के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि इसरो में नौकरी कैसे मिलती है और स्पेस वैज्ञानिक कैसे बना जाता है।
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इसरो में स्पेस साइंटिस्ट की नौकरी मिलती है। इस पद के लिए आपको इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होगा।
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इसरो आमतौर पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी के साथ पेशेवरों की भर्ती करता है।
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इसरो के वैज्ञानिक को सभी भत्ते लाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रुपये सैलरी मिलती है।
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स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए तीन साल का बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स होते हैं।
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इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में ये कोर्स कराए जाते हैं।
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इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
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