Mar 5, 2023
BY: नीलाक्ष सिंह4 मार्च को आई आईएएनसी की खबर के अनुसार, राज्य शिक्षा विभाग ने ऐसे आंकड़े जारी किए हैं, जिन्हें सुनकर किसी को यकीन नहीं होगा।
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आधिकारिक खबर के अनुसार, भारत में पश्चिम बंगाल में एक ऐसा राज्य है जहां के 8,207 सरकारी स्कूलों में बच्चो की संख्या 30 या उससे कम है।
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इनमें से 1,362 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। यह तथ्य शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात पर किए गए सर्वेक्षण के शुरुआती निष्कर्षों के बाद सामने आया है।
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खबर के अनुसार, राज्य के कुछ स्कूलों में नामांकित छात्रों की ज्यादा संख्या की तुलना में बहुत कम शिक्षक हैं, वहीं कुछ स्कूलों में बहुत कम छात्रों के मुकाबले बहुत अधिक शिक्षक हैं।
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बता दें, राज्य में एक ऐसी बहस चल रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि बहुत कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को पास के स्कूलों के साथ विलय करना चाहिए, लेकिन अभी इसे आधिकारिक रूप नहीं दिया गया है।
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इस विषय पर एक अधिकारी ने कहा, सरकारी स्कूलों के बीच अतार्किक शिक्षकों के बंटवारे की समस्या को ठीक करने का यही (विलय) एकमात्र तरीका है।
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दरअसल, शिक्षकों के अतार्किक बंटवारे का मामला पहली बार 17 फरवरी को कुछ ऐसे ही मामले की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आया था।
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सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बिस्वजीत बेस के संज्ञान में आया कि हावड़ा जिले के एक स्कूल में कुल 13 छात्र हैं और पांच शिक्षक हैं जबकि उसी जिले के एक अन्य स्कूल में, केवल आठ शिक्षक 550 छात्रों को पढ़ा रहे हैं।
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इस अतार्किक शिक्षक-छात्र अनुपात पर खेद व्यक्त करते हुए, जस्टिस बसु ने इतनी कम संख्या में छात्रों के साथ स्कूल चलाने की आवश्यकता पर सवाल उठाया था, हालांकि अभी इसका हल नहीं निकला है।
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