​प्रयागराज में नहीं दिखती सरस्वती नदी, फिर क्‍यों कहते त्रिवेणी संगम​

Shaswat Gupta

Dec 6, 2023

​गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के मिलन स्‍थान को संगम कहा जाता है।​

Credit: Social-Media/Istock

यहां पढ़ें अपने शहरों की खबरें

​हालांकि इसमें कुछ लोग सरस्‍वती नदी को अदृश्‍य मानते हैं तो कुछ इसे मिथक।​

Credit: Social-Media/Istock

​कुछ धर्मग्रंथों में तो सिन्धु नदी के समान सरस्‍वती नदी को पवित्र माना जाता है।​

Credit: Social-Media/Istock

​इस नदी का उल्‍लेख आपको ऋग्वेद और महाभारत में भी मिलता है।​

Credit: Social-Media/Istock

​कहते हैं कि, 4000 ई.पू. हड़प्पाकाल में सरस्‍वती नदी सूखने लगी थी और भौगोलिक परिवर्तन हुए।​

Credit: Social-Media/Istock

​भौगोलिक परिवर्तनों के कारण उत्तर-पश्चिम से बहने वाली ये सरस्‍वती नदी लुप्‍त हो गई।​

Credit: Social-Media/Istock

​हालांकि, राजस्थान के जैसलमेर में काफी अर्से बाद सरस्‍वती नदी के प्रमाण मिले।​

Credit: Social-Media/Istock

​उस दौरान भूचाल के कारण जमीन ऊपर आई और सरस्वती का आधा पानी यमुना में गया।​

Credit: Social-Media/Istock

​इसके बाद से ही यमुना और सरस्‍वती नदी का जल भी साथ प्रवाहित होने लगा और संगम बना।​

Credit: Social-Media/Istock

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: चांद पर घूमने का सपना होगा पूरा, इस शहर में कीजिए मूनलैंड की सैर

ऐसी और स्टोरीज देखें