Oct 8, 2023
यह विशालकाय वृक्ष हजारों वर्षों से अपना आशीर्वाद देता आ रहा है। मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे आते ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं
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ऐसे कथानक हैं कि समुद्र मंथन में यह वृक्ष निकाला था, तो चलिए हम आपको बताते हैं ये चमत्कारिक वृक्ष किस शहर में है और क्यों लोग यहां दर्शन को दौड़े आते हैं।
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तो इस वृक्ष का नाम है कल्पवृक्ष। कहते हैं समुद्र मंथन के समय समुद्र से 14 रत्न निकले थे, जिसमें से कल्प वृक्ष एक रत्न था।
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दूसरा कथानक है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अपनी पत्नी सत्यभामा की इच्छा को पूरा करने के लिए इस कल्पवृक्ष को धरती पर लाए थे।
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कहा यह भी जाता है कि कल्पवृक्ष, भगवान कृष्ण का ही अवतार है। पृथ्वी पर जब जीवन की उत्पत्ति हुई तो सबसे पहले कल्पवृक्ष ही धरती पर आया और पृथ्वी के अंत के बाद भी इसका अस्तित्व रहेगा।
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हमीरपुर के कल्पवृक्ष की उम्र के बारे में कहा जाता है यह करीब 1000 साल का है। कल्पवृक्ष उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संरक्षण में है।
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कल्पवृक्ष सिर्फ यमुना नदी के किनारे ही मिलता है। कल्पवृक्ष को कल्पतरु, सुरतरु, देवतरु और कल्पलता जैसे नामों से भी जाना जाता है।
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साउथ अफ्रीका में कल्पवृक्ष भारी मात्रा में पाये जाते हैं। इस वृक्ष से 24 घंटे ऑक्सीजन पैदा होती है।
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