​भारत में मिलता है दुनिया का सबसे स्‍वादिष्‍ट हलवा, मिनटों में चट कर जाते हैं लोग​

Shaswat Gupta

Sep 7, 2023

​मिठाई की दीवानगी​

भारत में मीठा खाने और खिलाने की परंपरा काफी पुरानी है। यहां हर शुभ काम की शुरुआत से पहल मीठा जरूर खाते हैं।

Credit: Social-Media/Freepik/Istock

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​मिठाई का क्रेज​

मिठाई एक ऐसा व्‍यंजन है जिसका क्रेज हर आयुवर्ग के लोगों में देखने को मिलता है। भारत के कई घरों में अगर सोने से पहले आपने मीठा नहीं खाया तो समझिए आपका डिनर अधूरा है।

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Optical Illusion

​भारत में हलवे की वैरायटी​

भारतीय मिठाइयों की लिस्‍ट में एक रेसिपी हलवे की भी है, जिसकी कई वैरायटी हैं। जैसे- गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा, बादाम का हलवा, सूजी का हलवा, लौकी का हलवा, शकरकंद का हलवा आदि। इन्‍हें लोग बड़े प्रेम से खाते हैं।

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Korean Girl Fan of India

​दुनिया का सबसे बेस्‍ट हलवा​

हलवे की बात करें तो भारत में ही एक ऐसा शहर है जहां पर आपको दुनिया का सबसे स्‍वादिष्‍ट हलवा मिलेगा। शुरुआत में यहां चार घंटे ही हलवा बिकता था, लेकिन इसके स्‍वादिष्‍ट स्‍वाद ने लोगों ने अपना दीवाना बना लिया और आज यहां घंटों तक लाइन लगती है।

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​हलवे का शहर​

दरअसल, दुनिया का सबसे टेस्‍टी हलवा बनाने वाला तिरूनेलवेली शहर है जो कि तमिलनाडु में है। इस शहर को हलवे का शहर भी कहते हैं, जहां पर आपको सबसे स्‍वादिष्‍ट इरुट्टूकढ़ाई हलवा खाने को मिलेगा।

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​दुकान का इतिहास​

जिस दुकान में इरुट्टूकढ़ाई हलवा उपलब्‍ध है उसका नाम ही 'इरुट्टूकढ़ाई हलवा' है। इनकी वेबसाइट के मुताबिक, एक शताब्दी पहले राजस्थान के एक परिवार ने दुकान की स्‍थापना की थी और अभी भी इसे उनका अपना परिवार ही चलाता है। इस दुकान के बाहर कोई नाम, बोर्ड या ब्रांडिंग नहीं है।

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​कैसे पड़ा रेसिपी का नाम​

तमिलनाडु की ये दुकान कम रोशनी के कारण पड़ा। जब दुकान एक सदी पहले शुरू की गई थी तब यहां मोमबत्ती की रोशनी में काम होता था। इसलिए इसका नाम 'इरुट्टू कढ़ाई' ​​पड़ा। दरअसल, तमिल में इरुट्टू का अर्थ है 'अंधेरी दुकान'। धीरे-धीरे इसी दुकान के नाम से हलवा भी फेमस हुआ और रेसिपी का नाम पड़ा।

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​इस बात का रखना होता है ध्‍यान​

इस हलवे को गेहूं के दूध, मेवे और शुद्ध घी से तैयार किया जाता है। थमिराबरानी नदी के पानी में गेहूं को अच्‍छे से धोया जाता है। फिर उसे 7 से 9 घंटे तक पानी भिगोकर रखा जाता है। उसके बाद बाद गेहूं को इतना पीसा जाता है ताकि उसमें दूध अच्‍छे से मिले। गेहूं के दूध को पकाने से पहले आधे घंटे के लिए फ्रिज में रखा जाता है ताकि दूध और पानी अलग हो जाए।

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​ये है खासियत​

इरुट्टूकढ़ाई हलवा वेबसाइट के मुताबिक, इनके हलवे की खास बात ये है कि इस हलवे में किसी का प्रकार का तेल, प्रिज़र्वेटिव, रंग, आर्टिफिशियल एसेंस या ग्लूटेन का इस्‍तेमाल नहीं होता।

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