Mar 10, 2024
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उन्होंने दिल्ली से पढ़ाई की और बीएचयू में प्रोफेसर थी। ये बंगाल से थीं। साल 1936 में उन्होंने जे.बी. कृपलानी से शादी की थी, जिसके बाद राजनीति में आ गईं।
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सुचेता कृपलानी को सीएम की कुर्सी आसानी से नहीं मिल गई थी। शादी के बाद वह भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुईं। उन्हें कई बार अंग्रेजी हुकुम के विरोध के कारण जेल भी जाना पड़ा था।
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साल 1957 में नेहरू जी ने उन्हें राजमंत्री बनाया था। इसके बाद वह गोंडा से जीतकर संसद पहुंचीं। जिसके बाद साल 1963 में जीतकर आखिरकार वह यूपी की पहली महिला सीएम बनीं।
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वह हरियाणा में अंबाला में जन्मी थीं। आजादी के समय में नौआखाली के दंगों के समय सुचेता भी वहां पहुंची थीं। वहां वह खुद को बहुत असुरक्षित महसूस करती थीं।
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उस समय नौआखाली में महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं। सुचेता कृपलानी को अनहोनी का डर लगा रहता था, जिस कारण वह अपने साथ सायनाइड लेकर चलती थीं।
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