Jan 21, 2025
Credit: Social Media
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लेकिन किले के निर्माण के कारण उन्हें कोई भी मजदूर नहीं मिला। हालांकि कुछ मजदूर दिन में किले के निर्माण कार्य के बाद रात के अंधेरे में सूफी संत की बावड़ी का काम करते थे।
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इस बात का पता सुल्तान को लगा तो उसने तेल की आपूर्ति ही बंद करवा दी, जिससे मजदूर रात के अंधेरे में काम न कर सके।
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कहा जाता है कि सुल्तान के इस फरमान से नाराज होकर निजामुद्दीन औलिया ने किले को श्राप देते हुए कहा कि या रहे उजाड़, या बसे गुर्जर। शायद इसी श्राप के कारण यह किला 6 साल में ही वीरान हो गया।
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