Nov 3, 2023
भारत का एक ऐसा शहर है जिसे तीर्थों का राजा कहा जाता है, ये शहर वाराणसी या हरिद्वार नहीं बल्कि कोई और ही है।
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चलिए आपको इस शहर से जुड़े कुछ हिंट देते है, इस शहर में महाकुंभ, अर्धकुंभ और माघ मेले का आयोजन होता है।
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यहां पर तीन नदियों का संगम भी होता है, यहां पर आनंद भवन, भारद्वाज आश्रम, अलोपी देवी मंदिर, अकबर का किला जैसे कई फेमस स्थान हैं।
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इस शहर में संगम के पास ही शंकर विमान मंडपम मंदिर स्थित है यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना है इसके अलावा संकट मोचन हनुमान मंदिर भी संगम क्षेत्र में स्थित है जिसमें हनुमान जी लेटे हुए हैं।
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अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम उत्तर प्रदेश के शहर प्रयागराज की बात कर रहें है जिसे तीर्थों का भी तीर्थराज कहा जाता है, इसे हम सभी इलाहाबाद के नाम से भी जानते हैं।
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कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन करने से पहले इसी शहर में अपना पहला यज्ञ किया था।
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पुराणों के अनुसार सब तीर्थों ने मिलकर ब्रह्मा जी से प्रार्थना की थी कि उनमें से जो तीर्थ सबसे श्रेष्ठ हो उसे वे सबका राजा बना दें, जिसकी आज्ञा में बाकी सभी तीर्थ रहेंगे।
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तीर्थों की प्रार्थना के बाद ब्रह्मा जी ने अपनी दिव्य दृष्टि से सभी तीर्थों की तुलना की जिसमें उन्होंने प्रयागराज को अन्य तीर्थों के मुकाबले अधिक भारी पाया, तभी उन्होंने इस शहर को सभी तीर्थों का राजा बना दिया।
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प्रयागराज शहर का नाम प्रयाग दो शब्दों के मिलने से बना है जिसमें प्र का मतलब प्रकृष्ट यानी तेजी से फैलने वाला होता है और याग का मतलब यज्ञ से होता है और जब दोनों को मिला दें, तो जहां यज्ञ तेजी से फैलते हैं उस स्थान को प्रयाग कहते हैं।
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