​यहां हैं मां स्‍कंदमाता के सबसे प्राचीन मंदिर, जो बुरी शक्तियों से करतीं रक्षा​

Shaswat Gupta

Oct 19, 2023

​आज शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है और इस दिन मां स्‍कंदमाता की पूजा होती है।​

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​मां स्कंदमाता को मोक्षदायिनी और समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाली देवी कहा जाता है।​

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​आज हम आपको स्‍कंदमाता के दो सबसे प्राचीन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।​

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​स्‍कंदमाता का एक मंदिर वाराणसी जगतपुरा के बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में मौजूद है।​

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​इस मंदिर का जिक्र आपको काशी खंड और देवी पुराण में भी मिलेगा।​

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​मान्‍यता है वाराणसी में देवासुर नामक राक्षस का वध करने के बाद स्‍कंदमाता विराजमान हो गईं।​

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​दुर्गा स्‍वरूप मां स्‍कंदमाता बुरी शक्तियों से काशी की रक्षा करती हैं।​

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​माता का दूसरा मंदिर विदिशा के पुराने बस स्टैंड के निकट सांकल कुआं के पास है।​

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​विदिशा के मंदिर की खासियत है कि यहां पर अखंड ज्‍योत सदा ही जलती रहती है।​

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