​Ram Mandir History: 1528 से 2024 तक, इतिहास में दर्ज हुईं ये प्रमुख तारीखें​

Shaswat Gupta

Dec 23, 2023

​साल 1528​

मुगल आक्रांता बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने (विवादित स्‍थान पर) मस्जिद बनवाई। जिस पर हिन्‍दू समुदाय ने दावा किया कि यह जगह भगवान राम की जन्मभूमि है। इसके बाद 1853 में पहली बार दंगे हुए। 1859 में अंग्रेजी प्रशासन ने मुसलमानों को अंदर और हिंदुओं को चबूतरे पर पूजा करने की इजाजत दी।​

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​23 दिसंबर 1949​

सहिष्‍णुता का परिचय देते हुए हिन्‍दुओं ने चबूतरे पर पूजा की, लेकिन 23 दिसंबर 1949 को मस्जिद में प्रभु श्रीराम की मूर्तियां मिलीं। 1 फरवरी 1986 को यूसी पांडे की याचिका पर फैजाबाद (पुराना नाम) जज केएम पांडे ने ढांचे से ताला हटाने का आदेश दिया।

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​6 दिसंबर 1992​

कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। इसके बाद देश भर में सांप्रदायिक दंगे हुए जिनमें दो हजार से ज्‍यादा लोग मारे गए।

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​9 नवंबर 2019​

बहुत लंबी सुनवाई और संघर्ष के बाद 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने विवादित 2.27 एकड़ जमीन राममंदिर के निर्माण केलिए ट्रस्ट को देने का फैसला सुनाया। वहीं, अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया।

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​5 फरवरी 2020​

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया। इसमें 15 सदस्‍य, 9 स्थायी और छह नामित सदस्यों को रखा गया। फिर 6 फरवरी 2020 को केंद्र सरकार ने एक रुपया दान के साथ राम मंदिर निर्माण अभियान की शुरुआत की।

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​19 फरवरी 2020​

दिल्ली में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक हुई। इसमें महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष और चंपत राय को महासचिव चुना गया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष चुना गया।

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​25 मार्च 2020​

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने टेंट में विराजमान रामलला को अस्‍थाई मंदिर में शिफ्ट किया।

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​5 अगस्त 2020​

अयोध्‍या स्थित रामजन्‍मभूमि पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण की आधाशिला रखी। दो सितंबर 2020 को अयोध्या विकास प्राधिकरण से राममंदिर का नक्शा पास हुआ, जिसके लिए ट्रस्ट ने 211 करोड़ रुपये जमा किए थे।

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​15 जनवरी 2021​

अयोध्‍या में प्रभु श्रीराम के भव्‍य मंदिर के निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की शुरुआत की गई। तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द ने अभियान की शुरुआत की और योगी सरकार ने सबसे पहला दान किया।

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​1 जून 2022​

इस दिन यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह में नींव का पूजन किया।

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​22 जनवरी 2024​

रामजन्‍भूमि के लिए 2023 बड़ा खास रहा। इस साल प्रभु श्रीराम का भव्‍य मंदिर बनकर लगभग तैयार हो गया। इसके बाद अब 22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा होने जा रही है।

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