Apr 24, 2024
अगर आप पहाड़ों और हसीन वादियों का लुत्फ उठाना चाहते है तो आपको टॉय ट्रेन का सफर जरूर करना चाहिए। भारत में कालका-शिमला टॉय ट्रेन के बारे में आपने सुना होगा। लेकिन कई अन्य शहरों में भी आप टॉय ट्रेन का मजा उठा सकते हैं।
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कालका-शिमला ट्रॉय ट्रेन यूनिस्को की हेरिटेज लिस्ट में शामिल है। यह टॉय ट्रेन 96 किमी लंबा सफर तय करती है और करीब 103 सुरंगों और 850 सुरंगों से होकर गुजरती है। इस रोमांच से भरे सफर को पूरा करने में 5.5 घंटों का समय लगता है।
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दार्जिलिंग हिमालय टॉय ट्रेन से आपको दार्जिंलिंग शहर का खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। साथ ही कंचनजंगा चोटी, बर्फ से ढके पहाड़, टेढ़े-मेढ़े मोड़ और खड़ी ढाल भी देखने को मिलेगी।
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नीलगिरि माउंटेन टॉय ट्रेन का सफर बेहद खूबसूरत है। यह ट्रेन घने, जंगलों, धुंध भरी पहाड़ियों और पथरीले इलाकों से होकर गुजरती है। इस टॉय ट्रेन का रूट मेट्टुपालयम, कल्लार, एडडरली, कुन्नूर, वेलिंगटन, केटी और ऊटी रूट है। यह ट्रेन भी यूनेस्को की हेरिटेज लिस्ट में शामिल है।
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कांगड़ा घाटी टॉय ट्रेन पठानकोट से जोगिंदरनगर के बीच चलती है। यह ट्रेन चाय के बागानों, तेज नहरों और पालमपुर के कई पुलों से होकर गुजरती है। इस सफर करने पर आपको धौलाधार रेंज के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।
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माथेरन हिल टॉय ट्रेन नेरल से माथेरान के बीच चलती है। यह करीब एक शताब्दी पुरानी रेल सेवा है। यह टॉय ट्रेन 'वन किस टनल' की अपनी चढ़ाई की वजह से बहुत फेसम है। इस ट्रेन के सफर से आपको प्राकृतिक के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।
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क्या आप जानते हैं कि इनमें से एक शहर में बाइक या कार ले जाना बैन है। यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। लेकिन यहां घूमने के लिए आप गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
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इस हिल स्टेशन पर आपको कोई कार, ऑटो या बाइक देखने को नहीं मिलेगी। सरकार ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इसे संवेदनशील घोषित किया हुआ। जिसके चलते यहां गाड़ियां बैन हैं।
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इस जगह का नाम माथेरन है। यह देश का सबसे छोटा हिल स्टेशन है। इस जगह पर घूमने के लिए आपको पैदल जाना होगा या घुड़सवारी करनी होगी।
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