Sep 23, 2023
देश की ऐतिहाससिक संसद को संविधान सदन का नाम देकर अब सभी सांसद नए ससंद भवन में शिफ्ट हो गए। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया। आज हम आपको बताएंगे कि भारत के किन राज्यों की सामग्री से नई संसद को इतना रॉयल लुक मिला।
Credit: Social-Media
संसद भवन में बिछाई गई कालीन मिर्जापुर से लाई गई। यहां लगीं सीमेंट से बनी ईंटे यूपी से बनकर आई थीं। बता दें कि, संसद में लगी लकड़ियों पर नक्काशी करने वाले कारीगर नोएडा से बुलाए गए थे।
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नए संसद भवन को शाही बनाती हैं यहां की दीवारें। इन्हें सुंदर बनाने में एमपी के कारीगरों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। संसद में लगा विशाल अशोक च्रक इंदौर के कारीगरों ने बनाया है।
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नए संसद भवन की एक खास बात और भी है। दरअसल, यहां पर पीतल का काम और प्री-कास्ट ट्रेंच जितना भी दिखता है वो गुजरात के अहमदाबाद के कारीगरों ने किया है। इस तरह केंद्र सरकार ने देश की संसद में पूरे भारत को समाहित करने का सफल प्रयास किया है।
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नए ससंद भवन में हजारों किलोग्राम लकड़ी का प्रयोग किया गया है। इसमें लगी सागौन (टीक) की लकड़ी बेहद खास है, जो कि नागपुर से लाई गई है। बता दें कि यहां पर लगा ज्यादातर फर्नीचर मुंबई से बनकर आया है।
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संसद का फर्श भी काफी सुंदर है। इस मजबूत और खूबसूरत फर्श में जो बांस इस्तेमाल हुए हैं वो पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से मंगाए गए थे।
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नए पार्लियामेंट के निर्माण में इस्तेमाल हुई रेत (एम-सैंड) को चकरी दादरी से मंगाया गया था। वहीं, हरियाणा से भी फ्लाई ऐश ईंटें मंगाई गई थीं।
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नए पार्लियामेंट में लाल और सफेद रंग के पत्थर लगाए गए हैं, जो कि सरमथुरा से आए हैं। बताया जाता है कि, लाल किला और हुमायूं के मकबरे को भी बनाने में इनका ही प्रयोग हुआ था। नई संसद में लगा केसरिया हरा पत्थर भी इसी प्रांत से आया है।
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नए पार्लियामेंट हाउस में सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली एक और चीज है यहां की फ़ाल्स सीलिंग। स्टील से बनी से फाल्स सीलिंग दमन और दीव से मंगाई गई थीं।
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