Oct 17, 2023
आज शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन है। इस दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इस मौके पर हम आपको मां काली के एक खास मंदिर के बारे में बताएंगे।
Credit: Social-Media
यूपी के एक शहर में मां काली का एक खास मंदिर है। यहां प्रतिष्ठित मूर्ति की खास बात ये है कि माता के शीश पर असली मुंड (यानी की असली खोपड़ी) विराजमान है। ये मुंड सिंह, सियाल, आदमी, भेड़िए आदि के हैं।
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दावा है कि, इस मंदिर में मौजूद मां काली की मूर्ति बांग्लादेश के ढाका से लाई गई थी। इस मूर्ति को यूपी के शहर लाने में तकबरीबन ढाई साल का समय लग गया। हालांकि ये मूर्ति मिट्टी से बनाई गई है।
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मंदिर के बारे में दावा किया जाता है कि, ये मंदिर 400 साल पुराना है। मंदिर में मां की सेवा में एक बंगाली परिवार की दूसरी पीढ़ी करती है। हालांकि कुछ लोग इस मंदिर को 250 साल पुराना भी बताता है।
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यूपी के इस खास मंदिर में आने वाले भक्त मां की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि, मां काली को जो भी भक्त जिस रूप में देखता हैं उसको मां वैसे ही दर्शन देती हैं।
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मंदिर के पुजारी इस बात का दावा करते हैं कि, मंदिर के प्रांगण में रात के समय पायलों की आवाज भी सुनाई देती है।
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बताते हैं कि मां काली के इस मंदिर के प्रांगण में कोई भी सो नहीं सकता है। अगर यहां कोई सोता है तो मां का विकराल रूप देख कर भाग जाता है।
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कहते हैं कि मां काली का ये मंदिर शमशान के ऊपर बना हुआ है। जिस जगह पर मां की मूर्ति है वहां असली मुंड है। वहीं, मूर्ति के नीचे के कोठरी भी है डर की वजह से उसके दरवाजे को बंद कर दिया गया है। वहां अब कोई आता जाता नहीं है।
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माता काली का ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में सदर बाजार में है।
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