​बागपत का वह चौराहा, जहां हिंदू मुस्लिम दोनों करते हैं सजदा​

Maahi Yashodhar

Jan 27, 2024

बागपत का राष्ट्रीय वंदना चौक हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

Credit: iStock

यहां के मुख्य चौराहे पर वतन के लिए शहीद हुए दो महान क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं लगी हैं।​

Credit: Twitter

ये दो राष्ट्रीय क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां हैं।​

Credit: iStock

दोनों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया और हंसते-हंसते वतन के लिए शहीद हो गए।​

Credit: iStock

​ये दोनों राजौरी कांड के हीरो रहे थे, जिन्होंने अंग्रेजों से सरकारी खजाना लूट लिया था।​

Credit: Twitter

​पंडित राम प्रसाद बिस्मिल 1887 को और अशफाक उल्ला खां 1890 शाहजहांपुर में जन्मे थे।​

Credit: iStock

दोनों क्रांतिकारियों को 19 दिसंबर, 1927 में अंग्रेजों ने फांसी की सजा दे दी गई।​

Credit: Twitter

देश इनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकता। दोनों की दोस्ती हिंदी मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

Credit: Twitter

2002 में इस चौक का निर्माण हुआ. यहां हर व्यक्ति दोनों महान क्रांतिकारियों को नमन करता है।​

Credit: Twitter

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: पटना में यहां मिल रहे फ्री के भाव कपड़े, कम पैसे में भर जाएगा झोला

ऐसी और स्टोरीज देखें