तो डूब जाएगा पूरा बनारस, महादेव के इस मंदिर की है ऐसी मान्यता

Ayush Sinha

Sep 22, 2023

काशी में गंगा किनारे एक तिरछा मंदिर है। मंदिर को रत्नेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

Credit: Times Now Digital

मां गंगा के किनारे बसे इस शहर को भोलेनाथ की नगरी कहते हैं। यहां की बोली बिल्कुल हट के है।

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बनारस के मणिकर्णिका पर चौबीसों घंटे लाशें जलती रहती है। यहीं पर ये तिरछा मंदिर स्थित है।

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ज्यादातर लोग इसी तिरछे मंदिर को ही काशी करवट समझते हैं। हालांकि ये काशी करवट नहीं है।

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मंदिर का कपाट हमेशा बंद रहता है। रत्नेश्वर महादेव मंदिर अक्सर गंगा नदी में डूबा रहता है।

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मान्यता है कि अगर गंगा का पानी इस मंदिर की चोटी को पार कर गया, तो पूरा बनारस डूब जाएगा।

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गंगा का पानी कम होता है तो मंदिर का कुछ हिस्सा मिट्टी में धंसा रहता है। ये मंदिर तिरछा है।

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मणिकर्णिका घाट पर सालों से चिता की आग शांत नहीं हुई है। इसकी भी अपनी अलग कहानी है।

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टाइम्स नाउ नवभारत की टीम ने बनारस मणिकर्णिका घाट पर इसकी जमीनी पड़ताल की।

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