Aug 5, 2024
Credit: AI-Image
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आज यह भारत का पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाला पहला गांव है। साल 2014 में इस गांव ने ग्रीनपीस की मदद से एक सौर ऊर्जा से चलने वाला माइक्रो-ग्रिड स्थापित किया। जिससे आज गांव में रहने वाले 2400 से ज्यादा लोगों को बिजली दी जा रही है।
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अहमदाबाद से 100km दूर पुंसारी गांव में क्लोज्ड सर्किट कैमरा से लेकर वॉटर प्यूरीफाइंग प्लांट्स, बायगैस, वाई-फाई और बायोमेट्रिक मशीन जैसी सुविधाएं हैं।
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महाराष्ट्र के इस गांव ने साल 2014 में करीब 182 हेक्टर बंजर जमीन को जंगल में बदलकर देश में एक मिसाल पेश की है। जिसके लिए इस गांव ने पुरस्कार भी जीता। वहीं पानी के लिए तरसने वाला हिवारे बाजार गांव ने बागवानी और डेयरी फार्मिंग करके जल संरक्षण को साकार कर दिखाया।
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इस गांव में बिना धुएं वाला चूल्हा और शौचालय बनाए गए हैं। यह तेलंगाना का पहला गांव है, जिसने पास की नदी पर उप सतह बांध बनाने का फैसला लिया। इस गांव के हर घर में दो टैंक हैं, जिससे गांव में पीने की पानी की समस्या ही खत्म हो गई।
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नागालैंड के एक छोटे से गांव चिजामी आज कोहिमा और इसके आसपास के गावों के लिए आदर्श बन गया है। इस गांव की महिलाओं ने इसके सामाजिक, आर्थिक और स्थायी परिवर्तन को लाने में अहम भूमिका निभाई है।
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