Oct 1, 2023
अपना पूरा जीवन देश के लोगों को समर्पित करने वाले बापू महिलाओं को लेकर अपने समय से आगे की सोच रखते थे।
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बापू महिलाओं को अबला कहने के सख्त खिलाफ थे और उन्हें पुरुषों से सुपीरियर मानते थे।
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गांधी जी के आम नागरिक से महात्मा गांधी और फिर बापू बनने के सफर में कई महिलाओं ने अपना योगदान दिया।
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बापू के आंदोलनों में हमेशा उनका साथ देने वाली महिलाओं में सबसे पहला नाम उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी का आता है।
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बापू की तरह कस्तूरबा गांधी ने लोगों के हक के लिए लड़ाई लड़ी और वे एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी थी।
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गांधी जी की परपोती मनुबेन उनके विश्वासपात्रों में से एक थी, बापू के अंतिम समय तक मधुबेन ने उनकी सेवा की।
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सुशीला नायर महात्मा गांधी की निजी डॉक्टर थी, वे गांधी जी के अतिंम पलों में भी उनके साथ थी।
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आभाबेन बापू के भतीजे की पत्नी थीं, वे आश्रम में रहकर हर समय महात्मा गांधी की देखभाल किया करती थीं।
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ब्रिटिश सैन्य अधिकारी की बेटी मीराबेन ने बापू के लिए अपना देश छोड़ दिया, उन्होंने हर पल महात्मा गांधी का साथ दिया।
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