Sep 30, 2023
अक्सर आपने सुना होगा नदी पहाड़ो से निकलकर किसी समुंद्र में समाहित होती हैं।
Credit: ANI
हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताएंगे जो निकलती तो पहाड़ो से है, लेकिन किसी भी समुंद्र में इसका संगम नही होता है।
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इसकी एक खासियत यह भी है कि आधे जिलों में इसका पानी मीठा और इस जिले में इसका पानी खारा हो जाता है।
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इस अनोखी नदी का किसी सागर के साथ नहीं होता मिलन, कच्छ के रण से हो जाती है विलुप्त
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यह नदी 495 किलोमीटर लंबी बहती है. राजस्थान में इसकी लम्बाई 330 किलोमीटर है औऱ शेष गुजरात में बहती है ।
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यह नदी 495 किलोमीटर लंबी बहती है, इतना ही नहीं यह नदी कभी हिलोरे नहीं मारती।
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आपको जानकर यह हैरानी होगी कि वह नदी कोई और नहीं, बल्कि लूनी नदी है।
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लूनी नदी का उदगम राजस्थान में 772 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नाग की पहाड़ियों से होता है। अजमेर से निकल कर गुजरात के कच्छ ज़िले में प्रवेश करती है और कच्छ के रण में विलुप्त हो जाती है।
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लूनी नदी का पानी बाड़मेर जिले के बालोतरा के बाद खारा हो जाता है चूंकि रेगिस्तान क्षेत्र से गुज़रने पर रेत में मिले नमक के कण पानी में मिल जाते हैं।
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