Oct 4, 2023
दीवारों के भी कान होते है ये कहावत लखनऊ की इस इमारत में सच साबित होती है।
Credit: istock
लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा में किसी की बोली गई बातों को दीवारें भी सुन सकती हैं।
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दीवारों को इस टेक्नीक से बनाया गया है कि धीमी आवाज में बोली गई बातें भी दीवार पार दूर तक सुनाई देती हैं।
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बड़ा इमामबाड़ा को अवध के नवाब आसफ़उद्दौला ने साल 1784 में बनवाया था।
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इमारत की खास बात ये भी है कि इसमें लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
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उड़द की दाल, चावल, लुगदी, बेल का गूदा, शीरा, बुझा हुआ चूना जैसी चीजों से ये इमारत बनी है।
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लखनऊ की ये खूबसूरत इमारत भूल भुलैया के नाम से भी बहुत फेमस है।
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इमामबाड़ा में 1000 से भी ज्यादा छोटे रास्ते हैं लेकिन बाहर जाने के केवल 2 ही रास्ते हैं।
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देश-विदेश से लोग यहां बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं।
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