​अवध की शान हुआ करते थे लखनऊ के ये 5 दरवाजे, जानिए इतिहास

Maahi Yashodhar

Feb 17, 2024

नवाबों के शहर लखनऊ को दरवाजों की नगरी कहना गलत नहीं होगा।

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इस शहर में कई दरवाजे हैं, जिनका इतिहास नवाबों और अंग्रेजों से जुड़ा हुआ है।

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​ये दरवाजे कभी अवध की शान हुआ करते थे।

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​लखनऊ के इन दरबाजों में 5 मेन दरबाजे हैं, जिनके बारे में आज हम बात करेंगे।

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रूमी गेट

रूमी गेट को लखनऊ की सिग्नेचर बिल्डिंग कहा जाता है। इस गेट को अवध के नवाब आसफुद्दौला ने सन 1775 में बनवाया था।

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​अकबरी गेट

इसे अकबर ने अपने हुकूमत काल में बनवाया था। कभी यहां पर हुस्न का बाजार लगता था। अब यह जगह अवधी खान-पान और कपड़ों के लिए फेमस है।

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शेर दरवाजा

शेर दरवाजे पर 1857 की क्रांति से पहले बाजार लगता था। पहले यहां 12 इमामों की दरगाह हुआ करती थी। इन्हें बादशाह बेगम ने नसीरुद्दीन हैदर के अहद में बनवाया था।

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​लाखी दरवाजा

लखनऊ के कैसरबाग में दो दरबाजे हैं। इन्हें लाखी दरवाजा कहते हैं। जिसे 1850 में नवाब वाजिद अली शाह ने दोनों दरवाजे बनवाए थे।

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​गोल दरवाजा

इसे चौक में अकबरी हुकूमत के वक्त नवाब मोहसिन उद्दौला की पत्नी वजीर बेगम ने बनवाया था। आज यहां लखनऊ का सबसे बड़ा सर्राफा बाजार और मिठाई की दुकानें लगती हैं।

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