Apr 21, 2024
जिस दानवीर कर्ण को अर्जुन ने युद्ध नियमों के खिलाफ मारा, उसका मंदिर यहां है
Digpal Singhमहाभारत हमें बहुत कुछ सिखाती है। यह दो भाइयों की संतानों की लड़ाई की कहानी मात्र नहीं है।
यह कथा अर्जुन के पराक्रम और कर्ण के महादानी होने की भी कहानी है।
गंगा का मायका - कर्णप्रयागयह कहानी दुर्योधन और दुशासन की लालसा की कहानी है।
महाभारत की कहानी भगवान श्रीकृष्ण की कहानी है, जिन्होंने कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश दिया।
महाभारत के महान योद्धाओं की बात करें तो भीष्म, अर्जुन, भीम, द्रोणाचार्य के साथ कर्ण भी थे।
कर्ण महादानी था और इंद्र ने साधु रूप धारण करके उनसे उनके कवच कुंडल दान में मांग लिए थे।
जब कर्ण के रथ का महिया जमीन में धंस गया था, उस समय अर्जुन ने निहत्थे कर्ण का वध किया था।
इसी कर्ण का मंदिर उत्तराखंड के कर्ण प्रयाग में है। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम पड़ा है।
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