Jul 27, 2023
ज्ञानवापी मामले पर गुरुवार 27 जुलाई, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) सर्वे पर तीन अगस्त 2023 तक के लिए रोक लगा दी।
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इसके मद्देनजर काशी विश्वनाथ मंदिर के टूटने की घटनाओं को जानना जरूरी है। इस मंदिर को बाहरी हमलावरों ने ने एक बार नहीं बल्कि कई बार तोड़ा है और हर बार ये दोबारी बनी भी।
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1194 ईसवी में पहली बार मोहम्मद गौरी के कमांडर कुतुबुद्दीन ऐबक ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त किया। करीब 100 साल बाद गुजरात के रहने वाले व्यापारी ने मंदिर को दोबारा बनवाया।
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1447 ईसवी में मंदिर पर जौनपुर के सु्ल्तान महमूद शाह ने दूसरा हमला किया। उसने मंदिर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
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हालांकि 1585 ईसवी में अकबर के नौ रत्नों में से एक राजा टोडरमल ने मंदिर का दोबारा निर्माण करवाया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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1642 ईसवी में शाहजहां ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का आदेश पारित कर दिया था। लेकिन हिंदुओं के विरोध के बाद प्रमुख मंदिर बच गया। हालांकि काशी के बाकी 63 मंदिर ध्वस्त किए गए।
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1669 को शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया था। ये आदेश आज भी कोलकाता की एशियाटिक लाइब्रेरी में रखा हुआ है।
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इसी साल सितंबर महीने में मंदिर को तोड़ दिया गया और औरंगजेब ने ही मंदिर के एक हिस्सा को तुड़वाकर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण करवाया था।
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जबकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि 14वीं सदी के शर्की सुल्तान ने मंदिर को ध्वस्त कराकर मस्जिद बनवाई।
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काशी विश्वनाथ मंदिर और मस्जिद के बीच में एक 10 फीट का कुआं है, जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है। इसी के नाम पर मस्जिद का नाम पड़ा।
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