Oct 30, 2023
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ 1 नवंबर को पड़ रहा है।
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करवाचौथ पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद की पूजा करने के बाद इस व्रत को पति के हाथों खोलती हैं।
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हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत का बहुत महत्व है, करवा चौथ मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है।
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करवाचौथ भले ही देश के कई राज्यों में मनाया जाता है लेकिन सभी जगहों पर इस व्रत की पूजा थाली सजाने से लेकर पूजा करने की विधियां सब अलग तरीके से ही देखने को मिलती हैं।
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पंजाब में करवाचौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को व्रत खोलने के बाद 36 तरह के भोग खाने को मिलते हैं। यहां पर विवाहित महिलाएं अपने पति की पूजा करने के बाद सास के प्यार के रूप में उनके हाथ का बना खाना खाती हैं।
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दिल्ली में करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने शादी का जोड़ा पहनकर पूजा करती हैं। उनकी पूजा की थाली भी सोने की ही होती है, साथ ही चांदी की भी कई चीजें भी पूजा थाली में शामिल होती है।
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करवाचौथ के दिन राजस्थान में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यहां का हर इलाका इस दिन रंग-बिरंगे अंदाज में सजा रहता है। इसके अलावा यहां पर मिलने वाली पूजा की थालियां भी बहुत रंग-बिरंगी होती हैं।
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महाराष्ट्र में करवा चौथ के दिन महिलाओं के पति उन्हें उपहार में कोई सोने या चांदी की चीज देते हैं। यहां पर महिलाएं अपनी पूजा थाल को सोने-चांदी की चीजों से सजाकर करवा चौथ की पूजा करती हैं।
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करवा चौथ भले ही उत्तर भारत के लोगों का खास त्योहार है लेकिन दक्षिण भारत में भी करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। यहां पर उत्तर भारत से आकर बसने वाले लोग इस व्रत का पालन करते हैं भले ही यहां कम लोग ही इसे मनाते हैं फिर भी यहां जोर-शोर से यह त्योहार सेलिब्रेट किया जाता है।
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