May 15, 2024
कौन है मधुबनी पेंटिंग का जनक, आज जान लीजिए
Maahi Yashodharमधुबनी पेंटिंग को मिथिला पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है।
इसे बनाने में प्राकृतिक रंगों और माचिस के तिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता है
गाजियाबाद का 'चांदनी चौक'इसकी शुरुआत 1960 में स्वर्गीय महासुन्दरी देवी ने की थी।
लेकिन, साल 1934 में भीषण भूकंप के दौरान विलियम जॉर्ज आर्चर ने इसे पहली बार देखा था।
मिथिला की इस कला को जानने के लिए वह 6 साल तक भारत आते रहे और पेंटिंग की फोटोग्राफी भी की।
इतना ही नहीं, मधुबनी पेंटिंग को लेकर उन्होंने एक आर्टिकल भी लिखा था।
ऐसा कहा जाता है कि इस पेंटिंग के जनक मिथिला के राजा जनक हैं।
तुलसीदास रचित रामायण में भी इसका जिक्र किया गया है।
राजा जनक ने अपनी बेटी सीता के विवाह दीवारों पर चित्रकारी करवाई थी।
राजा जनक ने अपनी बेटी सीता के विवाह में दीवारों पर चित्रकारी करवाई थी।
जिसके जरिए राम-सीता के विवाह के दृश्यों को दर्शाया गया था।
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