Sep 29, 2023
Credit: Social-Media
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पौराणिक मान्यता के अनुसार, ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के बाद त्रिपुर नामक असुर देवताओं को काफी परेशान करने लगा था।
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फिर शिवजी के कहने पर सभी देवताओं ने रक्तदन्तिका चण्डिका देवी की आराधना की।
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इस प्रकार त्रिपुर को उज्जिन (अर्थात पराजित करना) किया गया और फिर इस स्थान का नाम उज्जयिनी पड़ा।
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इससे देवी ने प्रसन्न होकर महादेव को महापाशुपतास्त्र दिया, जिससे महादेव ने मायावी त्रिपुर को तीन खण्डों में काट दिया था।
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उज्जैन नाम सही नहीं है। यह शब्द उज्जयिनी का अप्रभंश है।
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