Oct 22, 2023
दिवाली से पहले ही दिल्ली का वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। रविवार को यहां का AQI 266 पर दर्ज किया गया।
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राजधानी में प्रदूषण बढ़ने की वजहों में से पराली जलाना बड़ी वजह है। दिल्ली के प्रदूषण में 35 फीसदी हिस्सा पराली का भी है। इसके अलावा दिल्ली की हवा का रुख बदलने के कारण भी पॉल्यूशन में इजाफा देखने को मिल रहा है।
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पराली यानी धान की कटाई के बाद खेतों में बचा हुआ उसका हिस्सा। जिससे निजात पाने के लिए किसान इसे जलाने का ऑप्शन चुनते हैं।
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पराली के धुएं में कई जहरीली गैसे शामिल होती हैं, जो सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाती है और प्रदूषण में भी बहुत इजाफा करती हैं।
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पराली के धुएं में शामिल हानिकारक गैसें सीधे फेफड़े, हृदय, दिल और आंखों को बहुत बुरी तरह प्रभावित करती हैं। जिससे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिसीज, ब्रोंकाइटिस और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं।
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पंजाब के संगरूर, बठिंडा, फिरोजपुर, मुक्तसर और मोगा जिले में पराली जलाने के मामले ज्यादा आए थे। पंजाब में 44 प्रतिशत पराली जलाने की भागीदारी यहीं जिले देते हैं।
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पंजाब में जलने वाली पराली का धुआं हवाओं के माध्यम से दिल्ली में ही आता है, जोकि यहां के प्रदूषण को बढ़ाने की सबसे बड़ी वजह है। इसके अलावा गाड़ियों, वाहनों से निकलने वाला धुंआ, कंस्ट्रक्शन में उड़ने वाली धूल आदि भी प्रदूषण में भागीदारी देते हैं।
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इस साल पंजाब में करीब 20 मिलियन टन धान की पराली होने की संभावना है, इसे अगर जलाया गया तो दिल्ली के प्रदूषण में और बढ़ोत्तरी हो सकती है।
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फिलहाल दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान चालू है इसके बावजूद यहां के प्रदूषण में कमी नहीं दिख रही इसके उल्टा इसमें लगातार बढ़त देखने को मिल रही है।
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