Sep 9, 2023
राजधानी दिल्ली में पर्यटक से लेकर स्टूडेंट, कपल से लेकर फैमिली हर कोई एक बार कनॉट प्लेस (Connaught Place) मार्केट जरूर जाता है। यहां की सुंदरता और विविधता लोगों को खूब भाती है।
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Connaught Place जॉर्जियाई वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है, जिसे अंग्रेजों के समय बनाया गया था। Connaught Place का निर्माण 1919 में हुआ था जो कि पांच साल में पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ।
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दिल्ली के फेमस Connaught Place का नाम ब्रिटिश राजघराने के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर पड़ा।
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ब्रिटिश आर्किटेक्ट रॉबर्ट टोर रसेल ने डब्ल्यू. एच. निकोलस की मदद से इसका डिजाइन बनाया। इसे इंग्लैंड में मौजूद भवन रॉयल क्रीसेंट और रोमन कोलोसियम के जैसा रूप दिया गया।
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राजधानी दिल्ली के Connaught Place में आज भी कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग होती है। यहां पर आयशा, थ्री इडियट्स, विकी डोनर, बधाई हो, स्पेशल 26 समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
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आज Connaught Place की गिनती दुनिया के सबसे कॉमर्शियल मार्केट में होती है। Connaught Place का औसतन किराया 9 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट माह से ज्यादा है। हालांकि आजादी से पूर्व यहां की काफी संपत्तियां किराए पर दी गई थीं।
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आजादी से पहले कई लोगों को 50 दुकानें भी मिलीं, लेकिन पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम के अनुसार आधार मूल्य से हर साल 10℅ की वृद्धि होनी थी। कई दुकानों का किराया काफी कम है जिसमें केवल 10 प्रतिशत ही बढ़ोतरी होती है।
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कनॉट प्लेस में किराए पर संपत्ति लेने वालों ने महंगी कंपनियों को ये जगह दी और लाखों-करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। यानी मूल मालिक को तो कुछ हजार रुपये ही मिल रहे, लेकिन किराएदार यहां से लाखों की कमाई कर रहे हैं।
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ये सवाल आपके मन में भी होगा कि आखिर कनॉट प्लेस का मालिक कौन है ? सोशल साइट क्योरा (Quora) के मुताबिक, इस जगह की असली मालिक भारत सरकार है। (*आंकड़े दावे के मुताबिक हैं)
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