Nov 3, 2023
भारत में एक ऐसी नदी भी है जो पूरी तरह से सूखने के बाद फिर से जीवित हो गई। बहुत कम लोग ही इस नदी के बारे में जानते होंगे।
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ये नदी राजस्थान के अलवर जिले में बहती है। इसे भारत की सबसे छोटी नदी भी कहा जाता है। जिसकी कुल लंबाई 45 किमी. है।
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इस नदी का उद्गम स्थान अरावली पर्वत माला है, यह नदी अलवर के थानागाजी के पास बने सकरा बांध से निकलती है। जिसके बाद यह नदी सारसा नदी के साथ मिलकर सानवान नदी बन जाती है।
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अठारवीं सदी में यह नदी बारहमासी हुआ करती थी, लेकिन समय के साथ बढ़ती पानी की खपत ने इस नदी के पानी को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर दिया।
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साल 1960 में झिरी गांव के आसपास संगमरमर की खुदाई का काम शुरू हुआ, इस दौरान खदानों में जमा भूमिगत जल लगातार निकाला गया, जिससे पानी की कमी की समस्या पैदा होनी शुरू हुई, इसी साल के बाद यह नदी सूख गई।
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ये नदी कई सालों तक सूखी रही, जिसके बाद लोगों के प्रयास से इसमें फिर से जान आई और इसमें फिर से पानी की धाराएं बहने लगीं।
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यह नदी साल 1985 में पूरी तरह से सूख कर खत्म हो चुकी थी। इस नदी को स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा किए गए प्रयास से फिर से जीवन दिया गया।
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साल 1987 में लोगों ने स्थानीय स्तर पर 300 से अधिक बांधों को बनाकर इस नदी में फिर से जलप्रवाह कराया। इस नदी को पुन: जीवित करने में फेमस पर्यावरणविद् और वॉटरमैन नाम से मशहूर डॉ. राजेंद्र सिंह ने अहम भागीदारी अदा की।
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लोगों के प्रयास के परिणाम से यह नदी साल 1996 में फिर से पहले की तरह बहने लगी। राजस्थान में बहने वाली इस नदी का नाम अरवरी नदी है।
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