Apr 17, 2024

नैनीताल के पास पहाड़ों के बीच बसा है ये छोटा सा खूबसूरत शहर, नहीं जानते होंगे नाम

Digpal Singh

नैनीताल से सिर्फ 11 किमी

जिस छोटे से शहर की बात हम कर रहे हैं वह नैनीताल से सिर्फ 11 किमी की दूरी पर समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर बसा भवाली है।

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कई जगहों का एक जंक्शन

भवाली एक ऐसी जगह है जो कई पर्यटन स्थलों के लिए एक जंक्शन के तौर पर काम करता है। यहां से नैनीताल, मुक्तेश्वर, भीमताल, अल्मोड़ा, रानीखेत के लिए रास्ते जाते हैं।

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उत्तराखंड के पहाड़ों में ट्रेन

खूबसूरती का दूसरा नाम

भवाली खूबसूरती का दूसरा नाम है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी। यहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और ठंडा मौसम आपको बहुत अच्छा लगेगा।

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पास में कैंची धाम

भवाली के पास ही करीब 8 किमी दूर नीम करौली बाबा का कैंची धाम मंदिर भी है। नैनीताल और हलद्वानी की ओर से कैंची धाम जाने वालों के लिए यह उससे पहले अंतिम बाजार भी है।

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अंतिम पहाड़ी बाजार

पहाड़ों से मैदानों की ओर जाने वाले लोगों के लिए भवाली अंतिम बाजार है। यहां से पहाड़ी सामान की खरीद करके लोग आगे जाते हैं। हालांकि, इसके बाद भीमताल आता है, लेकिन वहां पहाड़ी सामान कम ही मिलते हैं।

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पहाड़ी फलों की मंडी

भवाली पहाड़ी फलों की मंडी भी है। पहाड़ों में पैदा होने वाले फल यहां बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। भवाली के पास मुक्तेश्वर, रामगढ़ आदि फलों के लिए मशहूर हैं और वहां के फल इसी मंडी में बिकने आते हैं।

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टीबी सेनेटोरियम

भवाली में टीबी सेनेटोरियम भी है। यह टीबी अस्पताल 1912 में बना था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के टीबी का इलाज यहीं पर हुआ था।

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घोड़ाखाल मंदिर

भवाली में ही कुमाऊं क्षेत्र के सबसे बड़े न्याय के देवता गोलू देव का घोड़ाखाल मंदिर भी है। श्रद्धालु यहां आकर अपनी इच्छाएं चिट्ठियों और स्टांप पेपर पर लिखकर घंटियों के साथ बांध जाते हैं।

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घोड़ाखाल सैनिक स्कूल

भवाली में ही देश का सबसे प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल भी है। यहां देश के लिए भविष्य के सैनिक तैयार किए जाते हैं।

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