Oct 13, 2023
पहली खूबसरत झीला का नाम आनंद सागर है। ये मीठे पानी की झील है।
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यह झील जयपुर मार्ग पर है। यहां पर एक हनुमान मंदिर भी है, जहां दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
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दूध-तलाई झील छोटी पहाड़ियों के बीच बसी हुई है। यह झील हरियाली और पहाड़ियों के बीच प्राकृतिक सुंदरता के लिए फेमस है।
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फतेहसागर झील पिछोला में एक कृत्रिम झील है। राजस्थान आने वाले ज्यादातर पर्यटक इस झील को देखने के लिए जाते हैं।
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यह झील जोधपुर से पांच किलोमीटर से दूर मंडोर पर स्थित है। इस झील का निर्माण 1159 में कराया गया था।
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आनासागर झील को राजा अजयपाल चौहान के पुत्र अरूणोराज चौहान ने बनवाया था। इस झील का निर्माण 1135 से 1150 ई में हुआ।
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गड़ीसर झील का निर्माण जैसलमेर के पहले राजा रावल जैसल ने 14वीं सदी में कराया था। महाराज गड़सीसर द्वारा इस झील को पुनर्निर्मित भी किया गया।
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डूंगरपूर में स्थित गैब सागर झील में आपको पक्षियों की कई प्रजातियों भी देखने को मिल जाएंगी। यहां पर श्री नाथ जी का मंदिर समूह भी स्थित है।
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उदयपुर में यह झील दो पहाड़ियों के बीच ढेबर दर्रा को झील के रूप देकर बनाई गई है। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की यह कृत्रिम झील है।
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यह झील राजस्थान के तारागढ़ किले के समीप स्थित है। यह सर्दियों और मानसून में कमल के फूलों से भर जाती है।
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