Sep 2, 2024
ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है, जिसकी गिनती दुनिया के विकसित देशों में होती है। आर्थिक तौर पर काफी समृद्ध देश है।
Credit: Canva
ऑस्ट्रेलिया क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का छठा सबसे बड़ा देश है। लेकिन 95 प्रतिशत इलाका खाली पड़ा है।
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ऑस्ट्रेलिया पूरे भारत के क्षेत्रफल से ढाई गुना ज्यादा बड़ा है, लेकिन जनसंख्या करीब दिल्ली के बराबर है।
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ऑस्ट्रेलिया 1.9 अरब एकड़ में फैला हुआ है। इसका दो तिहाई हिस्से में रेगिस्तान है। इलाके को वेस्टर्न प्लेटो कहते हैं।, यह इलाका लोगों के रहने के लायक नहीं है।
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ऑस्ट्रेलिया का सेंट्रल लोलैंड्स इलाका, जो येलो पार्ट लोलैंड है, यहां का पानी खारा है, जो लोगों के इस्तेमाल के लायक नहीं है।
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ऑस्ट्रेलिया का पूर्वी इलाका, जो केपयोर से लेकर बेसस्टेट आइलैंड तक है, यहां पहाड़ और जंगल भरे पड़े हैं। इस वजह से यह इलाका इंसानों के रहन लायक नहीं है
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ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्से में साल के 365 दिन बर्फ जमी रहती है। तापमान इतना कम होता है कि नदियां तक जम जाती हैं। ग्रीन एरिया नहीं है, इसलिए यहां जीना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।
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ऑस्ट्रेलिया का सिर्फ 5 प्रतिशत एरिया ही ऐसा है, जहां लोग रहते हैं। यहां की पूरी आबादी समुद्र के तटों के पास है, सिडनी, ब्रिस्बेन, पर्थ, मेलबर्न और कैनबरा में है।
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ऑस्ट्रेलिया में कई तरह के संसाधन हैं, खनिजों का भंडार है, लौह अयस्क, बॉक्साइट, एल्युमिना, रूटाइल, और टैंटालम बड़ा उत्पादक है। यहां कोयला, यूरेनियम, सीसा, इल्मेनाइट, जिरकोन, लिथियम भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
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ऑस्ट्रेलिया के क्षेत्रफल के हिसाब से खेती लायक जमीन कम है लेकिन यहां ज्वार, आलू, चावल, मक्का, टमाटर, संतरा, फवा बीन्स, केला, मटर, गाजर, प्याज और सेब की खेती होती है।
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